हेलो दोस्तो, आज मैं आपकी एक ऐसी कहानी सुना रही हूं, जिसे सुन कर आपका लंड खड़ा हो जाएगा, क्यों कि ये कहानी बड़ी ही हॉट है, ये कहानी मेरे और मेरे छोटे भाई कवि के बारे में है, आज मैं आपको बताऊंगी वो कैसे मुझे चोदा था, वो भी अपने जन्मदिन के दिन। आप भी हैरान हो जाएंगे पढ़कर उसने जो चल चला था, खैर जो भी हुआ अच्छा ही हुआ, मैंने ना चाहते हुए भी अपने भाई से चुदवा ली, अब मैं आपको अपनी पूरी दास्तान सुनाती हूं, आशा करती हूं कि आपकी मेरी ये कहानी है, जिसमें एक हरामी भाई ने बहन की चूत चोदी, बहुत अच्छी लगेगी।
मेरा नाम सीमा है मैं ऐसे आगरा की रहने बाली हूं, पर मैं अभी दिल्ली में रहती हूं, मैं पढ़ती हूं, मैं दिल्ली कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रही हूं, और मेरा भाई अभी इंजीनियरिंग करने के लिए दिल्ली आया है, मेरा और कोई भाई बहन नहीं है, माँ और पापा दोनों स्कूल में टीचर हैं और हम दोनों को दिल्ली भेजा है ताकि हम दोनों अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें, मैं ऐसी भी चुदक्कड़ किस्मत की लड़की हूँ, आज तक मैं काई लड़की से चुद चुकी हूँ, और मैं हमेशा ये चाहती हूं कि लड़के मुझे छेड़े, जब कोई लड़का मुझे छेड़ता है तो बहुत मजा आता है है, दिल्ली आई तो यहां मेरे तीन बॉय फ्रेंड हैं, तो हफ्ते में तीन बार तीनो से जरूर चुदती हूं, पर जब से भाई आया है तब से मैं एक ही लड़के से मेरा संपर्क है।
अब मैं कहानी पे आती हूं, मेरा भाई कवि अभी 21 साल का है और मैं 24 साल का हूं, हम दोनों मॉडल टाउन दिल्ली में रहते हैं, एक कमरा किराए पर ले राखी हूं, मेरा कॉलेज और कवि का इंस्टीट्यूट दोनों नजदिक है, मेरा मकान मालिक आला फ्लोर पर रहता है और हम दोनों ऊपर के फ्लोर पर रहते हैं, पिछले हफ्ते ही कवि का जन्मदिन था, सुबह मैंने उसको विश किया उठाया था, पर वो उठे ही मेरी तरफ से फेला दिया, वो मुझे गले लगाना चाह रहा था.
मुझे थोड़ा अजीब सा लगा, क्यों कि आज तक वो कभी भी गले मिलने के लिए अपना हाथ आगे नहीं बढ़िया था, पर उसका जन्म दिन था तो मैंने उसको गले लगा लिया, मैंने उससे समय दूरी बनाए रखी, और मैं अपनी चुचियों को उसकी बेटी से ना चिपके इसका मुझे ख्याल था, पर जैसे ही मेरी पकड़ ढीली पड़ी उसने मुझे अपने साइन से लगा लिया, मेरी दोनों चुचियां कवि के साइन पे चिपक गया, मेरा टी-शर्ट का गला थोड़ा ज्यादा बड़ा था इस वजह से चुचियां ऊपर से निकलने लगी।
करीब वो दो मिनट तक धन्यवाद दीदी धन्यवाद दीदी, आप कितने अच्छे हो, कह रहा था और मुझे अपने सीने से चिपकाए हुए थे, अचानक मेरा अभी भी कमरे के आसपा कोई कड़ा सा नहीं हुआ, मैं देखा कि कवि का लंड खड़ा हो चौका था, मैं तुरंट हाय झटका कर अलग हो गई, और पास ही बैठी रही, फिर मैंने पूछा चल बता आज का क्या प्रोग्राम है, फिर उसने कहा मैं तो बस अपने टीनो दोस्तों, रमन, कार्तिक और ऋषभ को बुलाऊंगा, शाम को पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक होगा, तो मैंने कहा ठीक है चल मैं तेरे लिए जींस और टी शर्ट खरीदती हूं।
तो बोला अभी नहीं मैं खुद ही आपसे मांग लूंगा, तो मैंने कहा ठीक है बता तुझे क्या चाहिए तो उसने कहा मुझे जो चाहिए मैं मांग लूंगा, मैंने कहा ठीक है जो भी तुम्हें चाहिए दूंगी, पर ध्यान रखना मेरे बजट में होनी चाहिए। तो कवि बोला आपके पास है और आपके बजट में भी है। शाम को सात बज गए, तब तक कवि मुझे कुछ भी नहीं बोला, मैंने फिर पूछा कवि शाम हो गया है अभी तक तुमने नहीं बताया है कि तुम्हें क्या चाहिए, तो फिर वो बोला दीदी आप चिंता क्यों करती हो, मैं मांग लूंगा।
रात को आठ बज गए उसके तीन दोस्त भी आ गए, केक काटा, तो तीन दोस्त चिकन तंदूरी और बीयर भी लाया था, मैंने कहा ये सब ठीक नहीं है तुम लोग शराब नहीं ले सकते तो बोला दीदी आज तो बात है दोस्त का जन्म दिन है इतना तो बनता है. मैंने कहा चलो ठीक है पर ये बात है मम्मी और पापा को पता नहीं चलना चाहिए नहीं तो तेरा सारा बर्थडे निकाल देंगे, फिर उसने मुझसे वादा करवाया कि मैं कुछ भी ना बोलूं।
सब कुछ हो गया, मैंने नहीं पी, वो चारो पिया, खाया डांस किया, रात को करीब 10 बजने को थे, वो तीनों चले गए, मैंने कहा कवि क्या बात है, दस बज गए है सारा दुकान माल बंद हो गया है और तुमने अपना गिफ्ट नहीं बताया. तो बोला दीदी अब गिफ्ट का टाइम आ गया है, उसने कहा आप प्रॉमिस करो कि जो मैं मांगूंगा वो दोगी आप, मैंने कहा बोल मेरे भाई मैंने तो पहले ही प्रॉमिस किया है कि जो भी मांगेगा मैं तुम्हें दूंगी।
कवि बोला दीदी मैं आज आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ, मैंने कहा ये क्या कह रहा है पता है तुम अपनी बहन से ये बात कह रहे हो, कोई भी भाई अपनी बहन से ये बात नहीं करता है, तो कवि बोला “मैंने आपको पहले हाय कहा था आप प्रॉमिस मत करो” आपने हाय प्रॉमिस किया है कि मैं गिफ्ट दूंगी तो मेरा गिफ्ट यहीं है।
अगर आप ठीक नहीं, तो मैंने कहा दिया नहीं, मैं तुम्हें ये गिफ्ट नहीं दे सकता, कवि बोला ठीक है, तो आज मेरा जन्मदिन था और आज रात को मेरा आखिरी दिन होगा, हां तो मैं अपने आप को समेट कर लूंगा नहीं तो घर से भाग जाऊंगा। मैंने काफी डर गई, मैंने समझने की कोशिश की पर वो नहीं माना, मैंने वॉश रूम गई और जब वापस आई तो देखी उसने दरवाजा बंद कर दिया, मैं खटखटने लगी। वो नहीं खोला मैं काफ़ी डर गई।
मैंने कहा कवि दरवाजा खोलो, जो तुम कहेगा वही करूंगी, मैं तैयार हूं, प्लीज दरवाजा खोलो, करीब यही बात करीब 10 बार रिपीट कि वो दरबाजा खोला, वो मुझे देख रहा है, मैं बिना कुछ बोले अंदर चली गई और बिस्तर पर बैठ गया गाई, वो वापस आया मेरे करीब बैठ गया, पहले वो अपना हाथ मेरे जांघ पर रखा धीरे-धीरे और नजदी हो गया, उसने पहले मेरे गाल पर किस किया, मैं चुचाप बैठी रही, वो फिर मेरे होठों को उंगली से छुआ.
फिर वो मेरे होठ पर अपना होठ रख दिया, और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया, मैं चुचाप थी बस वो जो कर रहा था मैं उसका विरोध भी नहीं कर रही थी ना तो मैं साथ दे रही थी, फिर वो मेरी चूची पे हाथ रखा, मैंने छुआप थी, फिर वो दबाने लगा, और जोर जोर से किस करने लगा, उसने कहा टी शर्ट उतारो, मैंबैठ गई, वो टीशर्ट खुद से खोलने लगा.
मैंने थोड़ी मदद कर दी और टी शर्ट खोल के नीचे फेंक दी, मैं ब्रा में थी और आला कैपरी पहननी थी, उसने ब्रा का हुक खोल दिया और चुचियों को दबाने लगा, फिर वो कैपरी भी उतार दिया मैं उस समय सिर्फ काले रंग का पेंटी पहनती थी, वो नीचे जा के मेरे चूत को नाक लगा कर सुंघा, और एक लंबी सास लिया ऐसा लगा कि वो मेरी पेंटी को स्मेल कर कर वो मदहोश हो गया।
उसने फिर मेरी पेंटी खोल दिया, और मेरे जोड़े को अलग अलग कर के वो मेरी चूत को चाटने लगा, अब मेरे तन बदन में आग लगने लगी, मुझे सब कुछ अच्छा लगने लगा अब मैं कवि का साथ देने लगी, और मैंने भी उसको अपना आगोश में भर लिया, अब दोनों भाई बहा एक दूसरे को प्यार करने लगे, कवि अपना लंड निकाल कर मेरे मुँह में डाल दिया, और कहने लगा साली कुट्टी ले चूस ले.
मैंने भी उसको गालियाँ देने लगा, कहाँ बहनचोद अपनी बहन को, साला हरामी आज फाड़ दे मेरी चूत को, आज मैं चुदना चाह रही है, तुमने मुझे पागल कर दिया है, आज फाड़ दे मेरी चूत, वो अपना लैंड निकाल कर मेरी चूत पर रखा क्या बताऊं दोस्तों उसका लैंड इतना मोटा और लंबा था मुझे यकीन नहीं हुआ, वो फचा फच कर के चोदने लगा, वो मेरी बड़ी बड़ी चुचियों को मसलने लगा.
मैंने भी अपनी गांड के नीचे तकिया लगा के चुदवाने लगी, तभी कवि दो बोतल बियर निकाला, बोला देख मेरी रानी ये मैं तेरे लिए लाया हूं, मैंने कहा कवि मैं नहीं पिउंगी, तो कवि बोला आज तो पीना पड़ेगा, मैं फिर एक बोतल बियर पाई, और एक बोतल कवि ने पाई, उसके बाद तो नशे में जो जबरदस्त वो मुझे चोदा, मजा आ गया, पूरी रात हम दोनों एक दूसरे के हवस के शिकार बनते रहे।
मजा आ गया, कवि बोला थैंक्स दीदी की चुदाई आपका गिफ्ट, तो दीदी बोली थैंक्स तुम्हारा भी तुम्हारा रिटर्न गिफ्ट और भी मजेदार था कवि। और हम दोनों हँसने लगे।