बुआ की बेटी मेरी रखैल बन गई

मेरा नाम निर्मल, जयपुर का रहने वाला हूं, उमर तीस साल है, मेरी लंबाई 5 फुट 11 इंच है और मैं काफी खूबसूरत लगता हूं। मैं काफी समय से अन्तर्वासना पर मेरे साथियों की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। शायद वो सभी कहानियां मुझे सच्ची लगती हैं क्योंकि जिंदगी में ऐसा हो जाता है कि हम जिंदगी के किसी ना किसी मोड़ पर अपने ही आस पास के लोगों के साथ संबंध बना बैठते हैं। Bua ki beti ko choda antaravasna sachi chudai kahani.

दोस्तो, मेरे साथ जिंदगी में सेक्स को लेकर बड़ी ही रोचक घटना घटी हुई है, जो मैं देसी कहानी की इस साइट के माध्यम से आपके बीच में लाना चाहता हूं।

ये घटना करीब एक साल पहले की है, जब मैं अपनी बुआ के ससुर के देहांत पर उनके घर गया हुआ था, उनका घर कोटा में है, मैं वहां दो दिन रुका था।

मेरी बुआ एक हाउसवाइफ हैं और फूला एक फैक्ट्री में काम करते हैं। मेरी बुआ की एक लड़की और एक लड़का है। कोटा में उनके दो घर हैं।

जिस घर में उनके ससुर जी का देहांत हुआ था, मेरी बुआ को और फूफा जी को रात को वहीं सोना था। क्योंकि अगले ही दिन मृत्युभोज था।

उनके दूसरे घर पर उस रात कोई नहीं था, तो फूफाजी ने मुझसे बोला- यहां मेहमान काफी हैं, तो दूसरे घर चला जा और आराम कर!

मैंने कहा- ठीक है.

फूफा ने अपनी लड़की और मेरी एक दूसरी बुआ के लड़के को भी साथ दिया। मेरी बुआ का वो लड़का काफी छोटा है, 14-15 साल का होगा।

और लड़की करीब 20 साल की, उसका नाम रीना है। उसके साथ, काफी घुला मिला होने के कारण से वो मुझसे काफी करीब हो गई थी।

हम तीनो बुआ के दूसरे घर पर आ गए।

रात को मुख्य लैपटॉप पर काम कर रहा था और मेरे लैपटॉप में मेरे बड़े भाई की शादी की वीडियो पड़ी थी। हम तीनो एक ही बिस्तर पर बैठ कर बातें कर रहे थे। बातें करते-करते छोटे भाई को नींद आ गई।

रीना ने बोला- भैया, मुझे शादी की सीडी दिखाओ।

मैंने उसको वो दिखाना चालू किया।

आवाज काफी तेज होने के कारण छोटा भाई परेशान हो रहा था, मैंने कहा- चल हम दूसरे कमरे में जाकर देखते हैं।

वो मन गई और हम दूसरे कमरे में चले गए। क्या दूसरे कमरे में भी डबल बेड लगा हुआ था।

बुआ की लड़की मेनेजमेंट का कोर्स कर रही है, उसका बदन 34-30-36 का होगा, वो बड़ी ही खूबसूरत है।

कई बार बातों बातों में मेरी कोहनी उसके बुब्स पर छू जाती थी। पर वो भी कुछ नहीं बोली और ना ही उसने अपने बुब्स को मेरे कोहनी के पास से हटा दिया।

धीरे-धीरे मैं गर्म होने लगा।

मेरा लंड जो अब मेरी चड्ढी में ही 7 इंच का हो चुका था, उसको अब चूत का इंतज़ार था।

वैसे तो मैं शादीशुदा हूं लेकिन मैंने अपनी जिंदगी में कई लड़कियां और भाभियों के साथ सेक्स किया है और पक्का अनुभव हूं।

मैंने धीरे-धीरे सोने का नाटक चालू किया और रीना को बोला – अब तू देख, मेरे को नींद आ रही है!

मैंने बत्ती बुझाई और उसके पास ही सो गया।

कुछ मिनटों के बाद मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और धीरे-धीरे दबाना चालू किया।

उसने मेरा बिल्कुल भी विरोध नहीं किया। उसकी सांसें थोड़ी तेज होने लगीं। मैं समझ गया कि लोहा गर्म हो रहा है।

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साथ ही इस चीज़ का भी डर लग रहा था कि वो सीलपैक थी, कहीं कुछ गड़बड़ हो गई तो मारे जाएंगे।

लेकिन जब लौड़ा खड़ा होता है तो कुछ भी होश नहीं रहता!

थोड़ी देर बाद उसने लैपटाप बंद कर दिया और मेरे पास ही सो गई।

सोने के बाद मैंने अपनी हरकत को चालू रखा, उसे भी मजा आ रहा था।

शायद वो भी आज मुझसे चुदाई का आनंद लेना चाहती थी।

उसके चूचे काफी सख्त थे लेकिन मजेदार थे।

उसने टॉप और पायजामा पहना हुआ था और मैंने पायजामा और बनियान।

मैंने अपना हाथ उसके टॉप में घुसा दिया और उसके बुब्स को दबाने लगा। वो करवट लेकर एक झटके से मेरे होठों पर होठों पर रख कर चुम्बन करने लगेगी!

अब क्या था, अब तो रात हमारी थी!

उसने बोला – आज से आप मेरे भाई नहीं हो, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं और तुम्हारे साथ मजे करना चाहती हूं।

फिर क्या था मैंने उसे टॉप का उतार दिया। उसके 34 इंच के बड़े बुब्स को अपने मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगा।

उसने भी मेरे पजामे में हाथ डाल कर मेरे लौड़े का जयाजा लेना चाहा। पर लौड़ा हाथ में आते ही वो डर गई और उसने बोला – इतना बड़ा लंड?

मैंने कहा – बड़े में ही तो मजा है मेरी जान!

और मैं उसे चूमने लगा।

मैंने अपना एक हाथ उसके पजामे में डालना चाहा लेकिन उसने मुझे डालने नहीं दिया, उसने बोला – हां मत करो प्लीज!

मैंने कहा- चल ठीक है!

लेकिन चुदाई का भूत जब सवार हो जाए तो पायजामा फट भी सकता है!

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थोड़ी देर बाद मैंने उसे और गर्म किया, आख़िर मैंने उसका पायजामा खोल ही डाला और पेंटी के अंदर हाथ दे दिया!

हाये ! क्या भोसड़ी थी उसकी! एकदम कच्ची !

मैंने उसे अपनी एक उंगली डाली, जैसे ही डाली, उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया और अपना पायजामा और बनियान भी उतार दिया।

उसकी पेंटी को उतार कर मैंने उसकी फुद्दी को चाटना शुरू किया तो वो मदमस्त हो गई! मुझे भी कुंवारी चूत को चाटने में काफी मजा आ रहा था, उसका स्वाद मजेदार था।

जब मैं उसकी चूत में जीभ फिराता तो वो मेरे बाल पकड़ कर मुझे और जोर लगाने को उकासती।

वो पूरी तरह से चुद ने के लिए तैयार हो चुकी थी।

मैं भी अब ज्यादा देर तक नहीं रुक सकता था। उसकी चूत में से काफी यौवन रस निकल रहा था।

मैंने उसकी टांगों को चौड़ा किया और अपने लंड को उसकी चूत के मुंह पर लगा दिया। मुझे पता था कि दर्द होगा लेकिन मैं इसके लिए तैयार था। मैंने झटका दिया और आधा लंड उसकी चूत में घुसा दिया।

उसकी चीख निकल गयी.

मैंने अपने होठों को उसके होठों पर लगा दिया।

अगले ही झटके में मैंने पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया।

सको खास दर्द नहीं हुआ. उसकी चुट काफी कसी थी।

मैंने धीरे-धीरे झटके देना चालू कर दिया और उसके बुब्स को जोर जोर से काटना शुरू कर दिया।

वो भी पूरा मजा ले रही थी और अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदाई में मेरा साथ दे रही थी।

15-20 झटकों के बाद मैंने एक तकिया उसके चुतड़ों के नीचे लगा दिया और फिर से लंड पेलना चालू किया!

क्या टाइट चूत थी उसकी! मज़ा आ रहा था बहुत चोदने में!

चूत में गर्मी बहुत थी उसकी। 20 -22 झटकों के बाद हम दोनो अकड़ने लगे।

मुझे लगा कि अब मेरे पानी निकलने वाला है। वो भी एक बार झड़ चुकी थी लेकिन कोई घायल शेरनी की तरह मुझे छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी।

मैंने थोड़ा अपनी स्पीड को कम किया। और उसको अपना चूतड उचकाने दिया।

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5-7 झटके के साथ वो फिर से झड़ गई। मैंने भी अपना पूरा पानी उसकी चूत के अंदर छोड़ दिया।

दोस्तो, ये मेरी सच्ची कहानी है!

उसके बाद मैंने रात को एक बार फिर उसके साथ सेक्स किया। उसके बाद वो जयापुर आई और 7-8 दिन जयापुर मेरे घर पर रुकी, मैंने उसे खूब चोदा।

एक बार तो उसका गर्भ भी ठहर गया था लेकिन शुक्र है कि समय रहते मैंने उसे दवाइयाँ लाकर दे दी और उसे मासिक आ गया।