हेलो दोस्तों, मेरा नाम यश है। मैं दिल्ली से हूं और बीए सेकेंड ईयर में हूं। मेरी हाइट 5.6 फुट है और सांवला रंग है। मेरे लंड का साइज़ 6 इंच है और ये 2.8 इंच मोटा है। मैंने अन्तर्वासना पर बहुत साड़ी सेक्स कहानियाँ पढ़ी हैं और इनको पढ़ कर मजा भी बहुत आया.. तो मैंने सोचा क्यों ना मैं भी अपनी कहानी आप सभी को बताऊँ.. Kunwari ladki ki seal todi sex kahani
बात 2 साल पहले की है.. तब मैं 12 वें क्लास में पढ़ता था और मेरे घर के पड़ोस में जो घर था.. उसमें नई किरणें थीं, उसमें एक एकदम मस्त माल था।
उसका नाम (पिंकी) था.. लेकिन मुझे उसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं पता था.. क्योंकि मुझे स्कूल जाना होता था और स्कूल से टायोशन.. बस इस तरह ज्यादा तैम तो घर पर होता नहीं था।
पिंकी के बारे में बता दूं.. यारों क्या माल था.. गोरा रंग.. भूरी आंखें.. और सबसे मस्त उसका फिगार 32-26-30 क्या मस्त फिगार था।
मैंने पिंकी को पहली बार देखा.. वो इतावार का दिन था और थोड़ी ठंड भी थी। दोपहर का समय हुआ.. तो मैं धूप सेंकने छत पर गया। मैंने देखा कि पिंकी कोई किताब पढ़ रही थी। उसके बाल गिले थे.. शायद वो थोड़ी देर पहले ही नहा कर आई थी। पिंकी ने नीले रंग का सूत पहनना हुआ था।
पिंकी के घर में उसके मम्मी-पापा और उसकी छोटी बहन थे जिसका नाम सोनी था और वो पिंकी से एक साल ही छोटी थी। छत पर मैं खड़ा होकर उसे निहार रहा था.. अचानक उसकी नज़र मुझ पर पड़ी तो वो मुझे देख रही थी और मैं उसे निहार रहा था। उस समय तो कोई भी बात ना हो पाई।
फिर 2 दिन बाद मैंने स्कूल की छुट्टी कर ली, मैंने सोचा आज तो पिंकी से बात करके ही रहूंगा।
उस दिन दोपहर में सब छत पर ही थे, पिंकी मुझे देख रही थी।
यूं ही वक्त बीत गया.. शाम के 5 बजे थे और अब छत पर पिंकी के सिवाए कोई नहीं था।
मैं- हेलो..
पिंकी- हेलो..
मैं- आपका नाम क्या है..?
पिंकी- मेरा नाम पिंकी है और आपका नाम?
मैं- मेरा नाम यश है. आप कराती क्या हो?
पिंकी- मैं 12 वी क्लास में पढ़ती हूं और आप?
मैं- मैं भी 12वें क्लास में पढ़ रहा हूं।
ऐसे ही हमने 2 घंटे बात की और वो ‘बे’ बोले..
तो मैंने कहा- अगर आपको बुरा ना लगे तो क्या आप कल शाम को छत पर 7 बजे मिल सकते हो?
तो पिंकी ने कहा- ओके.. ठीक है।
वो ये बोल कर चली गई.
Kunwari ladki ki seal todi sex kahani
दोस्तो… क्या बताऊं.. रात में मुझे उसके मम्मे ही याद आ रहे थे.. तो मैंने 2 बार पिंकी के नाम की मुठ मारी.. और सो गया।
फिर अगले दिन शाम के तैं 7 बजे वो छत पर आई। उसने लाल रंग का टॉप पहना हुआ था और ब्लैक कलर की जीन्स पहनी हुई थी.. उसकी ड्रेस एकादाम तै थी और खुले बाल में उसका मदमस्त जिस्म.. आह्ह.. मैं तो देखता ही रह गया।
वो मेरे पास आए और बोले- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- बहुत सुंदर लग रही हो।
उसने ‘थैंक्स..’ बोला और ऐसी ही बात होने लगी।
अब रोज वो 7 बजे छत पर मिलते थे। ऐसा ही एक महीना हो गया.. फिर मैंने सोचा यार ऐसा कुछ नहीं होगा।
ऐसे ही एक दिन में 7 बजे पिंकी का छत पर इंतज़ार कर रहा था। दस मिनट बाद पिंकी आई और बोली- सोरी यार आज थोड़ा लेट हो गई।
मैंने कहा- कोई नहीं.. लेकिन जब मेरी नजर पिंकी पर गई तो मैं तो देखता ही रह गया। उसने गुलाबी कलार की साड़ी पहनी हुई थी। वो एकदम परी लग रही थे।
मैंने पूछा- क्या बात है.. आज बहुत खुश लग रही हो?
पिंकी ने कहा- हां.. पर मुझे तुम से कुछ कहना है।
तो मैंने भी कहा- मुझे भी कुछ कहना है।
‘कहो?’
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मैं- आई लव यू.. पिंकी..
पिंकी- सॉरी यार.. मैंने कभी ऐसा सोचा ही नहीं.. हम तो दोस्त हैं।
मेरा मूड ओफ़ हो गया, मैंने कहा- सॉरी पिंकी.. और मैं नीचे जाने लगा। इताने में पिंकी ने आवाज दी।
पिंकी- यश.. ऐ लव यू टू बेबी..
मैं जल्दी से उसके पास गया और उससे पूछा- सच में ना..?
उसने मुस्कुरा कर कहा- हां.. और मैं भी तुमसे यहीं बोलने आई थी.. पर तुमने पहले बोल दिया।
फिर क्या था.. मैंने पिंकी के बाल पकड़े और कमर पर हाथ को सहारा कर उसके होठों को अपने होठों में दबाया और जोर-जोर से कभी उसके होठों को चुनने के साथ-साथ काटने भी लगा। दस मिनिट किस चलाता रहा और साथ में मुख्य उसकी पीठ को सहारा भी जा रहा था।
अब मैंने एक हाथ उसके मम्मों पर डाला और ब्लाउज़ के ऊपर से ही सहलाने लगा, मेरा दूसरा हाथ उसकी पीठ को सहला रहा था।
पिंकी की ‘आहें..’ निकल रही थीं और वो धीरे-धीरे गर्म होने लगीं, मैंने उसे ब्लाज़ के बारे में बता दिया, पिंकी मन कर रही थी- कोई आ जाएगा.. रहने दो यार!
पर मैं कहां मनाने वाला था, मैंने जल्दी ही उसकी ब्रा भी निकाल दी, क्या मस्त तैट मम्मे थे..
फिर मैंने उसे पूरे शरीर पर चुम्बन की बारिश कर दी.. जिससे वो गरम हो गई थी।
फिर मैं उसके एक चूचे को दबा रहा था और दूसरे को चूस रहा था।
मेरी छत पर एक कमरा भी था.. तो मैंने छत की सीधी के दरवाजा बंद कर दिया।
अब मैंने पिंकी को भगवान में उठा लिया और बिस्तर पर ले जाकर लिटा दिया फिर मैंने उसके होठों पर बहुत देर तक चुम्बन किया और उसके पूरे बदन पर हाथ सहलाता रहा था.. चुम्बन भी करता रहा।
अब मैंने उसकी साड़ी और पेटीकोट को उतार दिया और साथ में पिंकी ने मेरी टी-शर्ट को और पेंट को भी उतार दिया, उसने अंदर पिंक कलर की ही पेंटी भी पहन रखी थी.. जो पूरी तरह से गीली हो गई थी।
मैंने देर ना करते हुए पिंकी की पेंटी को उतारा.. तो देखा एकदम क्लीं और गुलाबी देखें छूट रो रही थीं।
मैंने देखा पिंकी को मजा आ रहा है, मैं पिंकी की चूत को चाटने लगा और एक उंगली उसकी चूत में डाली.. तो वो एकदम से आवाज़ आई- ह्हहा.. ऊऊऊ.. ईईईईई.. कहने लगी.. आराम से करो.. उसकी चूत बहुत ही तैत थी..
अब मैं एक हाथ से उसके पेट पर हाथ सहला रहा था..
तो दूसरी तरफ उसकी चूत को चाट रहा था।
पिंकी पूरी मदमस्त हुई पड़ी सिसकियाँ ले रहीं थीं।
फिर मैंने थोड़ा जोर लगा कर पिंकी की चूत में 2 उंगलियां डाल दीन और जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा।
पिंकी की मस्त आवाजें आने लगीं।
‘आआआहह.. ऊऊऊहह.. हम्मम.. यश अब मत तड़पाओ.. डालो ना.. अपना लंड.. मेरी चूत में..’
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मैंने अपना अंडरवियर निकाला और उसको आंखें बंद करने को कहा।
पहले तो मैंने एक उंगली उसके मुंह में डाल दी, उसको चूसने को कहा और फिर से लंड उसके मुंह में डाल दिया।
उसने आंखें खोलीं तो वो अपना मुंह हटाने की कोशिश करने लगी.. पर मैंने थोड़ा कहा तो मान गई और लंड को चूसने लगी।
दोस्तो, सच बता रहा हूँ.. क्या मस्त मजा आ रहा था!
मेरे भी मुंह से मस्ती भरी आवाज निकलने लगी थी.. ऊऊऊ ऊऊऊऊ ओह्ह्ह ह्ह्ह..।
फिर मेरी घड़ी में नजर गई तो देखा 8 बजे थे। मैंने देर करना ठीक नहीं समझा, मैंने उसकी टांगों को फैलाया और लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
वो जोर-जोर से आहें भरने लगी।
मैंने लंड को उसके चूत के मुँह पर रखा और हल्का धक्का लगाया.. पर लंड फिसल गया।
पास में एक शीशे में सरसों का तेल रखा था, मुख्य अक्सर धूप में बैठ कर मालिश करता था तेल से तो तेल की शीशी वहीं राखी रहती थी, मैंने अपने लंड और पिंकी की चूत पर तेल लगा दिया।
उसकी चूत काफ़ी गीली हो रही थी, लंड को मैंने चूत के मुँह पर लगाया और हल्का दबा दिया.. लंड हल्का सा अंदर घुस गया।
वो चिल्ला पड़ी – मम्मम्माआआ.. आआह.. निकाल लो प्लीज़.. तुम्हें मेरी कसम.. प्लीज़.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह.. यश हशश.. माँआआ.. आह.. .
मैं रुक गया और उसे सहलाने लगा और किस करने लगा।
लगभाग 5 मिनट तक किस करने के बाद वो हल्की-हल्की गांड उठाने लगी। मैंने फिर एक धक्का दिया.. वो फिर जोर से चिल्ला पड़े.. पर इस बार वो कुछ ज्यादा जोर से चिल्लाए थे.. क्योंकि पिंकी की चूत से खून निकल रहा था और मेरा लंड भी खून से सन गया था।
फिर मैंने अपना लैंड और पिंकी की चूत साफ की, इस बार मैंने उसे चूम लिया और उसकी पीठ से हाथ मिला कर उसकी गांड को सहलाने लगा।
अब मैंने लौड़े को घुसा कर हल्के-हल्के से अंदर-बाहर करने लगा.. पर वो फिर चिल्लाने लगी लेकिन मैंने इस बार उसकी एक नहीं सुनी और झटके से लौड़ा जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया।
मैंने उसके गाल तो अपने मुंह में दबा दिया था.. पर उसकी आंखों में आंसू निकल आए थे और उसे बहुत दर्द हो रहा था।
कुछ पलों के बाद वो शांत हुए और छूटकर मेरा साथ देने लगे और मैं उसे जमाकर चोदने लगा।
वो अभी भी चिल्ला रही थी.. पर हल्के-हल्के।
वाह ‘आह.. आह.. आआहह.. आह..’ की आवाज निकल रही है।
ऐसे ही 20 मिनट तक तबाही मचाने के बाद उसने अपनी टांगें मेरे चारों तरफ लपेट लीं.. मुझे कस कर पकड़ लिया और जोर-जोर से सांसें लेकर झड़ने लगी।
मैने भी लंड को पिस्टन की तरह देखा शक्ल दे दी और चुदाई की स्पीड तेज कर दी।
मेरा भी माल निकालने वाला था जब उसे लगाने लगा कि मेरा माल आने वाला है.. तो उसने मेरी छत पर हाथ मारकर धक्का दिया और बोला- अंदर मत निकालना प्लीज.. पर मैं भी कहां मानने वाला था। उसकी एक भी नहीं सुनी और उसका कसाकर पकडाकर जोर-जोर से 10-15 झटके मारे और सारा माल उसकी चूत में गिरा दिया और निधाल होकर उसकी चूचियों पर सारा राखाकर लेट गया।
दस मिनट तक वो लेती रही और मैं उसकी चूत में लंड डाल कर उसे ऊपर लेटा रहा।
मैं उसकी गांड भी मारना चाहता था.. पर समय बहुत हो चुका था, मुझे खोजने कोई भी आ सकता था।
तो 10 मिनट बाद हम मैंने घड़ी में देखा 9 बज रहे थे। और फिर पिंकी मेरे होठों पर एक चुम्बन दे कर और ‘ऐ लव यू बेबी’ बोल कर चली गई।
तो दोस्तो, इसके बाद मैंने पिंकी की गांड भी मारी और सोनी की भी.. वो सब आगे की सेक्स कहानी में लिखूंगा।