जबर्दस्ती की चुदाई की इस हिंदी सेक्स कहानी को पढ़ने के लिए धन्यवाद। मैं मोनिका, 33 वर्षीय विवाहित महिला हूँ। मेरी शादी को नौ साल हो चुके हैं। पर आज भी मैं अपने पहले जबरन सेक्स को नहीं भूल सकती। मैं तब 23 साल की थी और गरम खून की थी। बी.एड. और बी.ई. करने के बाद मुझे एक कॉलेज में लेक्चरर की पार्ट टाइम नौकरी मिल गई। Meri jabardasti chudai mein bur fat gayi.
मुझे छोटे-मोटे काम करने का इतना शौक था कि मैं जोश के साथ आगे बढ़ती रही। मुख्य कमरे में सालाना बी.ई. की परीक्षा होती, जिसमें 35 लड़के-लड़कियाँ परीक्षा देने के लिए इंतज़ार कर रहे होते।
उनमें एक आवारा किस्म का लड़का भी था। उसका नाम राजा था। लोग उसे राजा कहकर बुलाते थे। वह अपने अमीर पिता की बिगड़ी हुई औलाद थी। उसकी उम्र करीब 25-27 साल रही होगी।
वो परीक्षा में खुले-आम कॉपी कर रहा था।
मुझे दिखाया दिया तो मैंने साथ वाले सारे से शिकायत की, मगर उन्हें ने मुझे चुप रहने को कहा।
मगर मैंने चुप रहना अपने उसूलों के ख़िलाफ़ माना। और जाकर उसे अंसार शीट और कोपी छीन ली।
“ये आप क्या कर रहे हैं” मैंने गुस्से से कहा।
“दिख नहीं रहा क्या?”उसने ढिठाई से कहा।
“परीक्षा हॉल से बाहर निकलो।”
“मेडम पूरे कॉलेज में कोई नहीं है जो मुझ से ऊंची आवाज में बोले” उसने मुझे घूरते हुए कहा “इसलिये अपनी आवाज नीचे रख कर बात करो।”
उसका इतना कहना था कि मैंने उसकी कॉपी को पेन से काट कर उसपर कमेंट्स लिख दिया।
“ऐसा है आप आग से खेल रहे हैं। अभी जवानी का खूब जोश है। मुझे कुछ हुआ तो तेरे इस बदन को मसल कर रख दूंगा। मुंह छुपाए फिरगी अपना।” कह कर उसने मेरी एक बूब पर उंगली से दबाया।
मैं गुस्से से पागल हो गयी।
उसकी कॉपी और किताब लेकर प्रिंसिपल के पास चली गई और सारी बात बताई गई। प्रिंसिपल भी बात को दबा देना चाहता था लेकिन मैंने गाल गाल कर सब को इकठ्ठा कर लिया।
प्रिंसिपल को आख़िर में उसकी शिकायत बुक कराके परीक्षा से बाहर करना पड़ा। मगर मैं उसका नाम कॉलेज से रस्टिकेट करवा कर ही मानूंगा।
वो मुझे भद्दी भद्दी गलियां वहीं सब के सामने ही देने लगा।
मैं अपनी जीत पर फूले नहीं समा रही थी।
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मगर मेरी ये जीत बस कुछ दिन की ही थी।
मैं शुरू के कुछ दिन तो सावधान रही मगर कुछ दिन बाद वापस लापरवाह हो गई।
दस दिन बाद बीत गए.
प्रैक्टिकल शुरू हो गया. मेरी ड्यूटी उत्तर पुस्तिकाएं संभालने के लिए लगा दी। उस दिन फ्री होते शाम हो गई। कॉलेज से बस स्टैंड कुछ दूरी पर था।
कॉलेज शहर से 5 किमी दूर बना था। आस-पास कोई खास नहीं थे। इसली ऑफ-टाइम में जगह कुछ सुनसान हो जाता था।
उस दिन अपना सामान लेकर निकले तो बस स्टॉप पर सिर्फ एक आदमी खड़ा था। मैं जा कर उसके पास खड़ी हो गई।
तभी एक बोलेरो तेजी से आकर ठीक मेरे सामने रुकी।
मेरे साथ खड़े आदमी ने अपनी जेब से रूमाल निकाल कर उस पर कुछ डाला और इस से पहले की मैं कुछ समझ पाती, उसने गीला रूमाल मेरे मुंह और नाक पर रख दिया।
एक भीनी खुशबू के साथ अँधेरा छा गया।
मुझे नहीं मालूम मैं कितनी देर बेहोश रही। जब आंख खुली तो मैंने अपने आप को एक बड़े हाल में पाया।
चारों ओर अँधेरा था। सिर्फ सर के ऊपर एक तेज रोशनी का बल्ब जल रहा था। जिसकी रोशनियां सिर्फ मैं जिस तख्त पर पड़ी थी, उसके ऊपर ही आ रही थी।
मैं उठ कर बैठी तो सबसे पहले जिस चीज पर नजर गई वो था कि मेरे बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था। मैं तख्त पर बिल्कुल नंगी हालत में बैठी थी।
मेरे दोनों हाथ तुरंत मेरे बुब्स को ढकने की कोशिश करने लगे।
मैंने अपनी टाँगें सिकोड़ ली ताकि मेरी बुर छुप जाए।
तभी हाल हंसने की आवाज से गूंज उठा।
मैंने इधर उधर देखने की कोशिश की। चारों ओर अँधेरे के कारण कुछ भी नहीं दिख रहा था।
तभी एक आदमी अँधेरे से रोशनियों के दायरों में आया। वो राजा था.
मैंने अपने नंगे बदन को छुपाने की कोशिश की।
उसने मेरे बालों को मुट्ठी में पकड़ कर मेरे चेहरे को अपनी तरफ घुमाया। “क्यों, मैंने तुझे मन किया था ना कि मुझसे मत उलझो। मगर भी नहीं मानी. अब दिखा वो तेवर. देखता हूं कौन आता है तुझे बचाने के लिए।”
उसने मेरे होठों को ज़बरदस्ती अपने होठों पर दबा दिया।
मैं अपना मुंह हटाना चाहता था, लेकिन उसने बालों को पकड़ कर रखा था।
मेरा सर दर्द कर रहा था।
“अब तुझे पता चलेगा राजा से पंगा लेने का अंजाम। तेरे शरीर को तब तक हम मसलेंगे जब तक हमारा मन नहीं भर जाएगा।” कहकर उसने मेरे बुब्स पर से हाथ हटा दिया।
मैं हमसे भिड़ गई.
तो उसका एक झन्नाटेदार थप्पड़ मेरे गाल पर पड़ा। मुझे चारों ओर तारे नज़र आने लगे।
मेरा विरोध एक बांध से भाप बन कर उड़ गया।
तभी हाल में रोशनी हो गई।
मैंने देखा कि वहां उसके अलावा सात आदमी और मोजूद थे। वो सारे राजन की गेंग के ही आदमी थे।
मुझे एहसास हो गया कि अब मेरी हालत पिंजरे में बंद किसी चिड़िया जैसी हो गई है।
अब ये आंठो आदमी मेरे पूरे बदन को नोच डालेंगे।
कमरे में सारे आदमी नंगे थे। उनके लंड मुझे चोदने के लिए बेताबी से खड़े थे।
मैंने अपने आप को राजा से छुड़ाया और खाट से उठाकर भगाने लगी।
मुझे एक दरवाज़ा नज़र आया तो हम पर लपकें।
सारे आदमी हंस रहे थे.
“भाग जितना भाग सकता है भाग। बच नहीं पायेगी हमसे।”
“अपनी हालत पर तो नज़र डाल रंडी। इस हाल में अगर बाहर भी निकल गई तो क्या बाहर वाले तुझे बिना मसाले छोड़ देंगे?”
मैने अपने बदन पर नज़र डाली।
मगर फिर भी उनके हाथों से बचने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे थे।
तभी राजा ने कहा “बहुत हो गया यारों अब ज़्यादा समय ख़राब ना कराके शुरू की जाए”।
मुझे पकड़ कर एक आदमी घसीटा ता हुआ राजन तक ले गया।
राजन ने मेरे गर्दन को पकड़ कर नीचे की ओर दबाया। “देख मेरे लंड को देख. तुम आज तेरे अंदर जाओगे. अब इसे मुँह में लेकर प्यार कर”
मैं लगातर संघर्ष कर रही हूं। तभी पीछे वाले आदमी ने मेरे बुब्स को ज़ोर से मसला।
ना चाहते हुए भी मेरे मुँह से गाल निकल गए। “छोड़ो मुझे नहीं तो तुम सबको जेल भेजवा डूंगी”
“तू ऐसा कोई काम नहीं करेगी. ये टीटू है. इसने कई लोगों को ऊपर भेजावा दिया है। तुझे अगर अपनी जान प्यारी हो तो तू कुछ भी नहीं करेगी। अगर पुलिस के पास गई तो भी कोई रिपोर्ट नहीं लिखेगा। क्योंकि तुझे चोदने में डीएसपी का बेटा भी शामिल है।”
कई हाथ मेरे नगन बदन को नोच रहे थे।
मैं बस कसमसा रही हूं।
फिर उनको ने मुझे घुटनो के बाल बिठा दिया और एक ने मेरे गले को दबाया।
मुझे चटपटाते हुए अपना मुंह खोलना पड़ा।
राजा का लंड मेरे जीब के ऊपर से सरकता हुआ अंदर चला गया।
उसके लंड से पेशाब की स्मेल आ रही थी। मुझे ज़ोर की उबकाई आई। मगर लोगों ने मुझे कसकर पकड़ रखा था इसलिए बर्दास्त करने के अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं था।
उसने मेरे सर को मजाबूती से अपने हाथों से पकड़ा और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा।
उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था। वो काफ़ी अंदर तक चोट कर रहा था।
बाकी आदमी मेरे बुब्स को मसल मसल कर लाल सुर्ख कर रहे थे। मेरे बाल खुल कर चेहरे पर बिखर गये थे।
कुछ देर तक मुझे इसी तरह रगड़ने के बाद मुझे खींचते हुए तख्त पर ले गए।
मुझे उसपर पटक दिया और मेरे हाथ पैरों को फैला दिया। चारों तरफ से चार आदमियों ने मुझे पकड़ रखा था।
मेरा पूरा बदन उनके सामने नये जाने के लिए तैयार था।
सबसे पहले राजा मेरे ऊपर आया। मैं अब तक कुंवारी थी। इसके बाद तो रंडी बनने वाली थी।
उसका लंड चूसने के बाद पता नहीं क्यों मुझे ये जबरदस्ती अच्छी लगने लगी थी। पर मैंने ऐसा कुछ एक्सप्रेस नहीं किया। मैं चाहती थी कि वो मेरे साथ जबरन सेक्स करें।
राजा ने मेरे दोनों पैरों को पकड़ कर छत की तरफ उठा दिया।
“प्लीज़ नहीं, मुझे छोड़ दो मैं। किसी को कुछ भी नहीं कहूंगी। मेरी शादी होने वाली है। मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं।”
मगर उनके साथ किसी को भी मुझपर कोई रहम नहीं आया।
भूखे जनावरों से रहम की उम्मीद करना भी बेवकूफी का काम था। राजा ने अपना लंड मेरी बुर पर लगा कर ज़ोर का धक्का दिया। लंड अंदर न जा कर फिसल गया।
अगली बार मेरी बुर की फाँकों को उंगलियों से अलग कर के उनके बीच में अपने लंड को सताया और एक ज़ोर का झटका लगाया।
उसका लंड मेरी बुर को फाड़ता हुआ आधा अंदर चला गया। मैं ज़ोर से चीख उठी।
“उईईईईईई माँ मर गई” मैं ज़ोर ज़ोर से रोने लगी। “मैं मयय्यार जाऊंगी. प्लीज़ मुझे छोड़ दो” राजा ने अपने लंड को वापस पूरा बाहर निकाला। उसके लंड पर हल्का हल्का खून लगा था।
“देखा साले काँवारी थे।” राजा ने सबको दिखाये हुए कहा, ”आज तो खूब मजा आएगा।”
मैं तड़प रही थी. कई हाथ मुझ चारों ओर से पकड़ राखे थे। मैं हिल भी नहीं पा रही थी।
राजा के लंड के बाहर निकलने के कारण कुछ आराम हुआ।
मगर राजा ने वापस जैसे ही लंड को मेरी बुर के ऊपर लगाया मैं सिहर उठी।
इस बार उसने और ज़्यादा ज़ोर से बुर में लंड पेल दिया।
मैं दर्द से बिलबिला उठी। मेरी आँखों से पानी बहने लगा। मुंह खुला हुआ था मगर मानो मुझ पर बेहोशी देखें छाई हुई थे।
राजा का इतना मोटा लंड बुर में लेकर मैं अधमरी हो चुकी थी।
आस-पास सब धुँधला दिख रहा था। कानो में आस-पास के लोगों की आवाजें ऐसी लग रही थीं, मानो काफी दूर से आ रही हों।
कुछ देर तक राजा पूरा लंड अंदर कर के रुका रहा। जब वापस उसने अपने लंड को कुछ बाहर निकाल कर धक्का लगाया तो जैसे मेरी चेतना वापस आ गई।
मैं मछली की तरह चटपटाने लगी। राजा को कोई परवा नहीं था। उसने अपने लंड को गति दी। वो ज़ोर ज़ोर से मुझे ठोकने लगा।
मेरे मुँह से “आआआहह ऊऊऊह नईई.. उफ़्फ़ प्लीज़ नईई… उफ़्फ़्फ़…” जैसी आवाज़ें निकल रही थीं।
कुछ देर हमें तरह से चोदने के बाद मुझे उल्टा कर के चौपाया बना कर पीछे की तरफ से मेरी बुर पर हमला बोल दिया।
एक ने सामने आकर मेरे मुँह में अपना लंड घुसा दिया। अब तो मेरा कोई भी तरह का एतराज बेमानी हो गया था।
मैं तो बस उन्हें जो चाहे वो देकर उनको चांगुल से छुटना चाहती थी।
अब मेरे मुँह में और बुर में दोनो तरफ से धक्के लगने लगे।
एक अंदर डालता तो दूसरा बाहर निकलता और मैं दोनों के बीच झूल रही थी।
लगाभाग पंद्रह मिनट तक धक्के लगाने के बाद राजा के लंड की पिचकारी ने वीर्य से मेरी बुर को भर दिया।
राजा की जगह दूसरे आदमी ने ले ली।
सामने वाले आदमी ने अपने लंड को मेरे मुँह में पूरा रख दिया। जो कि मेरे गले के अंदर जा कर फंस गया।
मैं सांस लेने को तड़पने लगी।
उसका लंड फूल कर झटके लेने लगा. मेरी आँखे उबल आई।
उसके लंड से गाढ़ा गर्म वीर्य मेरे गले से होकर पेट में जाने लगा।
उसने मेरे सर को ऐसे पकड़ रखा था कि मैं सर हिला भी नहीं पा रही थी। “ले पी. मेरे वीर्य को पी. बहुत गुरूर था तुझे अपने ऊपर। कैसी कुतिया बनी हुई है आज।”
उसने अपने लंड को बाहर निकाल लिया। लंड से आखिरी धार मेरे मुँह पर पड़ी। वो मेरे होठों के ऊपर से बहते हुए नीचे टपकने लगा।
अब उन लोगों ने मुझे उठा कर खड़ा किया। एक जो मेरी बुर में लंड था, राजा के बाद घुसा रखा था, वो तख्त पर लेट गया। उसका लंड ऊपर की ओर तना हुआ था।
मुझे बाकी लोगों ने गुड़िया की तरह जांगों से पकड़ कर उठा रखा था। मुझे उठाकर उसके लंड पर रखने लगे, तो एक ने उसके लंड को मेरी बुर पर लगा दिया।
फिर सबने एक साथ मुझे छोड़ दिया।
मैं धम्म से उसके लंड पर बैठ गयी।
और उसका लंड पूरा मेरी बुर में समा गया।
उसने मुझे खींच कर अपने सीने से लगा लिया। तभी दो हाथ मेरे कूल्हों को अलग कर दिये और मेरे गांड के छेद पर एक लंड सुट गया।
मैं उनके अगली हरकत के बारे में सोच कर घबरा गई।
मगर मुझे संभालने का मौका दिया बिना ही एक लंड मेरे गांड के अंदर चला गया।
मैं चिल्लाने लगी.
मगर कोई नहीं था मुझे बचाने वाला। मेरी हालत सैंडविश की तरह हो गई थी।
ऊपर नीचे से धक्के मारने लगी।
Desi cudai story – बीवी ने माली से चूत मरवाई
एक ने मेरे सर को पकड़ कर उठाया और उस छेद को भी खाली नहीं रहने दिया।
मुंह में भी एक लंड प्रवेश कर गया. बाकी लोग मेरे बदन पर हाथ फेर रहे थे। बाक़ी जो दो आदमी थे उनहोने अपने अपने लंड मेरे हाथों में पकड़ा मरो।
मैं उनके लंड पर हाथ फिराने लगी.
राजा और उसका वो साथी जो मेरा मुख मैथुन पहले कर चुका था दोनों पास बैठे मेरी हालत का मजा ले रहे थे।
एक साथ मैं पांच आदमियों को झेल रही थी।
पांचों ने एक-एक कर के वीर्य से मुझे भीगा दिया। मेरा पूरा बदन वीर्य से भीगा हुआ था। हर जगह चिपचिपहाट थी.
मुझमें इतनी भी ताकत नहीं बची थी कि मैं अपने बदन को साफ कर लूं।
मगर ये तो अभी शुरुवात थी। रात भर सब मुझे बुरी तरह मसलते रहे। अलग अलग टीम बना कर अलग अलग तरह से मेरी चुदाई करते रहे।